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Contents
- 1 Class 10 Geography Chapter 4 Notes In Hindi
- 2 कृषि
- 3 कृषि के प्रकार
- 4 प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि
- 5 गहन जीविका कृषि
- 6 वाणिज्यिक कृषि
- 7 रोपण कृषि
- 8 शय्स प्रारूप कृषि
- 9 मुख्य फसलें
- 10 चावल
- 11 गेहूं
- 12 मोटे अनाज
- 13 बाजरा
- 14 मक्का
- 15 दालें
- 16 चाय
- 17 कॉफी
- 18 रेशेदार फसलें
- 19 जुट
- 20 अध्याय 4 कृषि Class 10 Question Answer
- 21 Class 10 Geography Chapter 4 Notes In Hindi Pdf
- 22 Class 10 Geography Chapter 4 Notes FAQ
- 23 भारत के प्रमुख खाद्य फसल क्या है?
- 24 चावल की खेती के लिए तापमान कितनी होनी चाहिए?
- 25 भारत में कितने शस्य ऋतू है?
- 26 Conclusion
Class 10 Geography Chapter 4 Notes In Hindi
PDF: | Class 10 Geography Chapter 4 Notes In Hindi Pdf |
Subject: | Geography |
Class: | 10 |
Chapter: | 4 |
Topic: | कृषि |
Language: | Hindi |
Text Book: | NCERT |
File Size: | 117 kb |
Website: | Pdfhindi.in |
कृषि
कृषि के साथ भारत का रिस्ता बहुत पुराणी है। इस कृषि के लिए ही अंग्रेजों ने भारत में हुकूमत की थी। भारत के मशाले बहुत प्रसिद्ध थी दुनियाभर में आजादी से पहले। भारत के हर गांव मेरेहने वाला इंसान कृषि के साथ युक्त है।
कृषि के प्रकार
पिछले हजारों वर्षों में भौतिक पर्यावरण, सामाजिक-सांस्कृतिक रीती रिवाज और प्रौद्योगिकी के अनुसार खेती करने की विधियां परिवर्तन हुई है। कृषि अनेक प्रकार के है जैसे की वाणिज्य खेती कृषि और जीवन निर्वाह खेती कृषि।
प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि
प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि वह कृषि होती है जिसे परिवार अथवा समुदाय श्रम की मदद से की जाती है। इस धरण के कृषि को लकड़ी के हल, डाओ, या फिर खुदाई करने वाली छड़ी से की जाती है खेती।
जीविका निर्वाह कृषि सबसे ज्यादा मानसून में ही की जाती है। इसे कर्तन दहन प्रणाली भी कहा जाता है। अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए इस तरह की कृषि की जाती है।
इस तरह की कृषि में कोई भी आधुनिक तकनिकी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। जिसके चलते इस कृषि मफसलों की फलन काम होती है। इस तरह की कृषि को विभिन्न जगह में विभिन्न नामों से जाना जाता है।
जैसे की असम, मिजोरम, मेघालय और लागलैंड में इसे “झूम” कहा जाता है और मणिपुर के पामलु एवं छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले और अंडमान निकोबार द्वीप में इसे “दीपा” कहा जाता है।
गहन जीविका कृषि
जहाँ जनसंख्या अधिक होता है वहां इस तरह की कृषि की जाती है। इस कृषि में उत्पादन के लिए जैव-रासायनिक निवेशों और सिंचाई का प्रयोग किया जाता है।
किसानों के पास बैकल्पिक रोजगार न होने के कारण सिमित भूमि से अधिकतम पैदावार लिया जाता है।
वाणिज्यिक कृषि
इस तरह की कृषि के मुख्य लक्षण होता है आधुनिक निवेशों का इस्तेमाल से उच्च पैदावार प्राप्त करना। कृषि के वाणिज्यीकरण का स्तर विभिन्न प्रदेशों में अलग अलग होता है।
जैसा की हरियाणा और पंजाब में चावल वाणिज्यिक फसल है लेकिन ओडिशा में यह एक जीविका फसल है।
रोपण कृषि
रोपण कृषि एक वाणिज्यिक कृषि है और इस तरह की कृषि व्यापक क्षेत्र में की जाती है। इस कृषि की खेती में लंबे चौड़े क्षेत्र में सिर्फ एक ही फसल उगाई जाती है।
इसमें अत्यधिक पूंजी और श्रमिकों की जरुरत होती है। रोपण कृषि के सारे फसल उत्पादन उद्योग में कच्चे माल के हिसाब में लगता है।
जैसा की चाय, कॉफी, केला, गन्ना और रबर इत्यादि रोपण फसल है। रोपण फसल विक्री के लिए होती है। और यह रोपण कृषि भारत के अर्थनैतिक में बहुत बड़ा योगदान करता है।
शय्स प्रारूप कृषि
शय्स प्रारूप कृषि भारत में तीन ऋतू में बोये जाते हैं जैसे की रबी, खरीफ और जायद।
रबी फसल: रबी फसल शीत ऋतू में बोई जाती है यानि की अक्टूबर से दिसंबर तक और ग्रीष्म ऋतू यानि अप्रैल से जून में काटा जाता है । मटर, गेहूं, जौ, सरसों और चना कुछ रबी फसल है।
पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में गेहूं और अन्य रबी फसल उगाई जाती है।
खरीफ फसल: इस कृषि को मानसून के आगमन में बोई जाती है और सितंबर से अक्टूबर में कटी जाती है। चावल, जुट, मुँग, कपास, मूँगफली, ज्वार, बाजरा, मक्का, तुर, उड़द और सोयाबीन खरीफ फसल है।
चावल की खेती पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, ओडिशा, महाराष्ट्र, असम, उत्तर प्रदेश, बिहार और तेलंगाना में बोई जाती है।
जायद फसल: ग्रीष्म ऋतू में जायद फसल बोई जाती है। इस ऋतू में तरबूज, खीरे, खरबूज, सब्जियों का खेती की जाती है।
मुख्य फसलें
भारत में विभिन्न जगह पर बिभिन्न प्रकार के फसलें उगाई जाती है जलबायु, मिट्टी और कृषि पद्धति के कारण बसत। चावल, गेहूं, दाल, गन्ना, कॉफी, चाय, तिलहन, जुट, कपास और मोटे अनाज इत्यादि भारत में उगाई जाने वाली मुख्य फसल है।
चावल
- चीन के बाद भारत चावल उत्पादन में दूसरे नंबर में है।
- भारत के लोगों के प्रधान खाद्यान्न है चावल।
- चावल खरीफ फसल है।
- इसको उगाने के लिए उच्च तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के ऊपर और 100 सेमी से अधिक आद्रता की आवश्यकता है।
- उत्तर और उत्तर-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में चावल उगाई जाती है।
- इसे सिंचाई करके भी उगाई जाती है।
गेहूं
- चावल के बाद भारत के लोगों का दूसरी सबसे प्रमुख खाद्यान्न है गेहूं।
- यह रबी फसल है।
- इसे उगाने के लिए 50 से 70 सेमी वार्षिक वर्षा की जरुरत होती है।
- उत्तर-पश्चिम में गंगा-सतलुज का मैदान और दक्कन का काली मिट्टी वाला प्रदेश भारत में गेहूं उगाने बाले दो मुख्य क्षेत्र है।
- उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ बहग में गेहूं उगाने वाली कुछ मुख्य राज्य है।
मोटे अनाज
- भारत में उगाई जाने वाले मुख्य मोटे अनाज है ज्वार, बाजरा और रागी।
- इनमें पोषक तत्वों की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।
- ज्वारा भारत की तीसरी सबसे महत्ब्पूर्ण खाद्यान्न फसल है।
- मोटे अनाज वर्षा ऋतू में उगाई जाती है।
- रागी में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, लोहा, सूक्ष्म पोषक और भूसी मिलती है।
- इस फसल को सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में उगाई जाती है।
बाजरा
- इसको सबसे ज्यादा गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में उगाई जाती है।
- इसको उगाई जाती है बलुआ, काली, लाल और दोमेट मिट्टी में।
मक्का
- मक्का एक खरीफ फसल है।
- इसे उगाने के लिए 21 डिग्री से 27 डिग्री सेल्सियास तापमान की जरुरत होती है।
- यह एक ऐसे फसल है जिसे चारा और खाद्यान्न के रूप में उपयोग करते हैं हम।
- इसको सबसे ज्यादा बोई जाती है बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में।
- बिहार में मक्का को रबी ऋतू में भी उगाई जाती है।
दालें
- दालें उत्पादक में भारत सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
- मसूर, मटर, मूँग, चना, उड़द और तुर इत्यादि दालें फसल है।
- दालें को शुष्क परिस्थिति में उगाया जाता है।
- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में दालें फसल उगाई जाती है।
चाय
- चाय उत्पादक में भारत विश्व में दूसरे नंबर में था 2018 में चीन के बाद।
- चाय की फसल को अंग्रेजों ने भारत लाए थे।
- यह एक पेय पदार्थ फसल है।
- इसकी खेती उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलबायु, जीबांश युक्त और सुगम जल निकास वाले ढलवाँ क्षेत्रों में की जाती है।
- चाय एक श्रम-सघन उद्योग है।
- चाय उगाने के लिए प्रचुर मात्रा में सस्ता और कुशल श्रम चाहिए।
- चाय की खेती की जाती है असम, केरल, तमिलनाडु, उत्तराखण्ड, त्रिपुरा, मेघालय, आंध्र प्रदेश,हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग एवं जलपाईगुड़ी में।
कॉफी
- भारतीय कॉफी विश्वविख्यात है गुणवत्ता के लिए।
- भारत में अरेबिका किस्म की कॉफी उगाई जाती है।
- अरेबिका कॉफी को यामें से ले गई थी।
- कॉफी की खेती की जाती है कर्नाटक, केरल, और तमिलनाडु जैसे राज्य में।
रेशेदार फसलें
भारत में उगाई जाने वाली चार मुख्य रेशेदार फसलें है कपास, जुट, प्राकृतिक रेशम और सन। कपास, जुट और सन को मिट्टी में उगाई जाती है लेकिन रेशम को कीड़े की कोफुन से प्राप्त की जाती है।
जुट
- सुनहरा रेशा के नाम से जुट को जाना जाता है।
- नदिओं के आसपास इसकी खेती की जाती है किउंकि इसके लिए उर्वरक मिट्टी की आवश्यकता होती है।
- जुट की खेती के लिए उच्च तापमान की जरुरत पढ़ती है।
- जुट से रस्सी, चटाई, धागे, गलीचे और बोरियाँ जैसे बस्तुएँ बनाई जाती है।
- इस की खेती की जाती है मुख्य तोर पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मेघालय, असम और बिहार जैसे राज्य में।
अध्याय 4 कृषि Class 10 Question Answer
प्रश्न: एक रबी फसल की उदाहरण दीजिए?
उत्तर: चना एक रबी फसल है।
प्रश्न: एक खरीफ फसल की उदाहरण दीजिए?
उत्तर: चवाल एक खरीफ फसल है।
प्रश्न: एक फलीदार फसल के नाम बताए?
उत्तर: दालें एक फलीदार फसल है।
प्रश्न: रेशम उत्पादन किसे कहते हैं?
उत्तर: रेशम उत्पादन करने के लिए जो रेशम की कीड़ों का पालन किया जाता है उसे रेशम उत्पादन कहा जाता है।
Class 10 Geography Chapter 4 Notes In Hindi Pdf
Class 10 Geography Chapter 4 Notes FAQ
भारत के प्रमुख खाद्य फसल क्या है?
भारत में मुख्य खाद्य फसल है चवाल।
चावल की खेती के लिए तापमान कितनी होनी चाहिए?
चावल की खेती के लिए तापमान 25 डिग्री सेल्सियस होनी चाहिए।
भारत में कितने शस्य ऋतू है?
भारत में 3 शस्य ऋतू है रबी, खरीफ और जायद फसल।
Conclusion
अगर आपको लगता है की इस नोट्स की पीडीएफ को अपने मोबाइल में डाउनलोड करने में मुश्किल हो रही है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कारके मुझे बता सकते हैं।
आशा करता हूँ की आपको Class 10 Geography Chapter 4 Notes In Hindi Pdf से मदद मिली है यदि आपको थोड़ी से भी मदद मिली है तो इसको अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
Disclaimer इस आर्टिकल में दी गयी नोट्स को मैंने नहीं लिखा है और नहीं मैंने किसी से लिखवाया है। इसे इंटरनेट से उठाया गया है पूरी गाइड लाइन को ध्यान में रखकर। फिर भी किसी को इससे प्रॉब्लम है तो वह मुझसे कांटेक्ट कर सकता है ईमेल के जरिये। यह आर्टिकल सिर्फ और सिर्फ Students का मदद करने के लिए लिखा गया है। ताकि वह लोग जिनके पास Tuition पढ़ने की पैसा नहीं है वह अच्छे मार्क्स ला पाए परीक्षा में। |